Third Grade DPC-वर्षों से अटकी तृतीय श्रेणी शिक्षकों की पदोन्नती पर फैसला अगले माह

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बीकानेर : प्रदेश में पिछले 5 वर्षों से अटकी पड़ी तृतीय श्रेणी शिक्षकों की पदोन्नती (Third Grade DPC) की राह आखिरकार खुलती दिखाई दे रही है|

गौरतलब है कि प्रदेश में पिछले 5 वर्षों से तृतीय श्रेणी शिक्षकों की पदोन्नती का मामला पहले उच्च न्यायलय तथा बाद में सर्वोच्च न्यायलय में अतिरिक्त विषयों में योग्यता अर्जित कर लगे शिक्षकों के कारण लंबित पड़ा है | अब यह मामला सितम्बर माह में सुलझ सकता है | 8 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में हुयी सुनवाई में कोर्ट ने 10 सितम्बर को अगली सुनवाई तय करते हुए सभी पक्षों को समाचार पत्रों के जरिए उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि अदालत इस दिन अंतिम फैसला ले सकती है।

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  • वर्ष 2021 में शिक्षा विभाग ने नियम बदले, केवल उसी विषय में डिग्री धारकों को पदोन्नति का पात्र माना जाएगा।
  • एडिशनल विषय वाले शिक्षकों को पात्रता सूची से बाहर कर दिया गया।
  • इससे पहले 2020-21 तक एडिशनल विषय वाले भी पदोन्नत किए जाते थे।
  • 2022 की डीपीसी में इन्हें बाहर रखा गया, जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई।
  • हाईकोर्ट ने एडिशनल वालों को पात्र मानते हुए पदोन्नति का आदेश दिया, लेकिन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी।
  • 2022-23 से 2024-25 तकः 19,372 पदों पर पदोन्नति होनी थी।
  • 2025-26 के नए पद मिलाकर संख्या लगभग 25,000
  • इतने ही पद सीधी भर्ती से भी भरे जाते हैं
  • वर्तमान में 40,000 से अधिक वरिष्ठ अध्यापक के पद रिक्त |

वरिष्ठ अध्यापक के विषयवार पद एक समान नहीं होते। कम पद वाले विषयों (जैसे वाणिज्य या कला) के शिक्षक पदोन्नति की संभावना बढ़ाने के लिए हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत जैसे विषयों में पत्राचार से एडिशनल डिग्री हासिल करते हैं।

समय पर DPC नहीं होने के कारण लगभग 25,000 वरिष्ठ अध्यापक पदों के खाली रहने से कक्षा 9वीं-10वीं में विषय अध्यापक नहीं मिल पा रहे है, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

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