शिक्षा विभाग राजस्थान सरकार की महत्वकांक्षी योजना मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान के अंतर्गत प्रखर राजस्थान 2.0 (Prakhar Rajasthan 2.0 Register Maintenance)90 दिवसीय रीडिंग अभियान की शुरुआत 5 सितम्बर 2025 से हो चुकी है जिसमे कक्षा 3 से 8 तक के विद्यार्थियों को हिंदी भाषा के धाराप्रवाह पठन पर जोर दिया गया है इससे सम्बन्धित कुछ दिशा निर्देश व रजिस्टर संधारण से सम्बन्धित महत्वपूर्ण बातें इस लेख में दी गयी है –
विशेष निर्देश:(Prakhar Rajasthan 2.0 Register Maintenance)
- कक्षा 3 से 5 एवं कक्षा 6 से 8 हेतु पृथक-पृथक कक्षा शिक्षण तय कालांश में संचालित किया जाए तथा पृथक-पृथक प्रभारी नामित किए जाए।
- पठन कौशलों की प्रवाहशीलता के लिए अनिवार्यतः भाषा शिक्षक को प्रभारी नामित करते हुए कार्य कराया जाए।
- प्रभारी शिक्षक द्वारा समूह निर्माण करने के पश्चात् समूहवार विद्यार्थियों के विवरण हेतु पृथक से पंजिका का संधारण किया जाए।
- कक्षा-कक्षीय गतिविधियों के साप्ताहिक क्रियान्वयन हेतु 12 सप्ताह के प्लान संलग्न किये गये हैं। इसके अनुसार कक्षा-कक्ष में गतिविधियों का नियोजन किया जाए। शिक्षक स्थानीय परिवेश की विविधता, विद्यार्थियों की आवश्यकता, सीखने के स्तर के अनुसार गतिविधियों में आंशिक बदलाव करने के लिए स्वतंत्र रहेंगे।
- विद्यार्थियों में पठन कौशलों के विकास हेतु कार्य प्रारंभ करने के समय पूर्व में किये गए कार्यों की पुनरावृत्ति के साथ सप्ताह की शुरूआत करें। जिससे नवीन विषय एवं तथ्यों के साथ विद्यार्थियों को आसानी से सह-संयोजित किया जा सकें।
- विद्यार्थियों के स्तर के अनुसार प्रारंभ में 3-4 लक्षित वर्णों का चयन कर कार्य प्रारंभ किया जाए। जिसमें वर्णों, मात्राओं की पहचान के साथ-साथ सरल शब्द निर्माण कर पठन हेतु प्रयास प्रारंभ करें।
- पठन कौशलों के विकास हेतु वर्ण पहचान, वर्ण के साथ मात्राओं का संयोजन, बिना मात्रा के शब्द पढ़ना, मात्रा के शब्दों का पढ़ना, तत्पश्चात वाक्यों को प्रवाह के साथ पढ़ते हुए समझ विकसित करने का कार्य किया जाए।
- शिक्षक 2 से 3 सप्ताह के शिक्षण उपरांत सिखाये गये वर्ण, मात्राओं से छोटी-छोटी कहानी / पाठ का निर्माण कर बच्चों को पठन अभ्यास के अवसर दें।
- कार्यक्रम हेतु विद्यार्थियों के लिए उत्सुकता और उत्साह का माहौल निर्माण कर प्रति दिवस गतिविधियों का संचालन किया जाना है।
- पठन कौशलों के विकास के लिए मौखिक एवं लिखित दोनों प्रकार की गतिविधियां विद्यार्थियों के स्तर एवं सहभागिता के अनुसार आयोजित की जाए।
- पठन कौशलों के विकास हेतु पुस्तकालय की बालसाहित्य की पुस्तकों का उपयोग करते हुए गतिविधियों का नियोजन किया जाना है।
- कक्षा कक्षीय गतिविधियों में बेहत्तर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को नियमित रूप से प्रोत्साहित किया जाए।
- पठन कौशलों के विकास हेतु विद्यार्थियों की पीयर ग्रुप लर्निंग के माध्यम से भी गतिविधियां कराते हुए कौशलों के विकास का कार्य किया जाए। इसके अन्तर्गत अधिक समझ रखने वाले विद्यार्थी की मैपिंग अन्य विद्यार्थियों के साथ रखते हुए सीखने-सिखाने के लिए प्रेरित किया जाए।
- पठन कौशलों के विकास के लिए विद्यार्थियों के स्तरानुसार एबीएल सामग्री यथा शब्द कार्ड, वाक्य लेखन, कविता, कहानी से संबंधित कार्ड का उपयोग साप्ताहिक कार्ययोजना के अनुसार वर्ण कार्ड, मात्रा कार्ड, करते हुए गतिविधियां आयोजित की जाए।
- विद्यार्थियों के उच्चारण को प्रभावी बनाने के लिए 15 दिवस में या माह में एक से दो दिन डिजिटल माध्यमों अपने फोन से बच्चों की धाराप्रवाह गति को मापना एवं का उपयोग कर अभ्यास कराया जाए। जैसे आवश्यकतानुसार समूहों में अभ्यास के मौके देना।
- शिक्षक पठन विकास के लक्षित विद्यार्थियों की कक्षा-कक्ष में आवश्यकता के अनुसार एवं गतिविधि अनुसार परिवर्तित करते हुए बैठक व्यवस्था (गोलाकार, अर्द्ध गोले में, पंक्ति में या अन्य आकार में) नियोजितकरें।
- विद्यार्थियों के पठन कौशल की प्रवाहशीलता एवं समझ के विकास हेतु शिक्षक, माता-पिता एवं समाज के स्वयं सेवकों (Volunteer) की मदद से गतिविधियां संचालित की जानी है।
- नो बैग डे के तहत् थीम आधारित विशेष प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से लक्षित विद्यार्थियों पर फोकस किया जाए। “(भाषाई समझ से अभिव्यक्ति की ओर)
विद्यालय एवं प्रभारी के कार्य व दायित्व:(Prakhar Rajasthan 2.0 Register Maintenance)
- शिक्षक सक्रिय रूप से अपनी दैनिक कक्षाओं में पठन एवं संक्रियाओं से संबंधित गतिविधियों को शामिल करें, यह सुनिश्चित करना।
- विद्यार्थियों को विद्यालयों में उपलब्ध सुविधाओं, पढ़ने तथा मनोरंजक गतिविधियों में भाग लेने के अवसर प्रदान करना।
- कहानी सुनाने, पठन प्रतियोगिताओ और समूह पठन जैसी मजेदार इंटरैक्टिव गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को पठन के लिए प्रेरित करना।
- गतिविधि आधारित अधिगम (ABL) Kit सामग्री, कार्यपुस्तिकाओं आदि का प्रभावी उपयोग करना।
- विद्यार्थियों को पुस्तकें घर ले जाने और अपने परिवार के साथ पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना।
- अभिभावकों को पठन सत्रों में आमंत्रित कर और उन्हें घर पर अपने बच्चों की पढ़ाई में सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर अभियान में शामिल करना।
- छात्रों की पठन प्रगति की नियमित रूप से मॉनिटरिंग कर रिकॉर्ड संधारण करना।
- प्रगति और चुनौतियों के बारे में पंचायत / ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को रिपोर्ट करना और आवश्यकतानुसार सहयोग प्राप्त करना।
- शिविरा पंचाग / निर्देशानुसार Al Based Oral Reading Fluency Assessment का संचालन करना।
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