Prakhar Rajasthan 2.0
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अभिशंषाओं के क्रम में प्रारम्भिक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने को प्रमुख रूप से रेखांकित किया गया है। इस हेतु स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग भारत सरकार द्वारा 05 जुलाई 2021 को निपुण भारत मिशन प्रारम्भ किया गया। निपुण भारत मिशन बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया है। इसके तहत् 3 से 8 वर्ष आयु वर्ग के सभी विद्यार्थियों को बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रारम्भिक स्तर पर यह आवश्यक हो जाता है कि विद्यार्थी भाषा को स्तरानुसार धारा प्रवाह एवं समझ के साथ पठन करने में सक्षम हो।
प्रारंभिक स्तर पर विद्यार्थियों के धारा प्रवाह पठन व पठन कौशलों के विकास हेतु 90 दिवसीय कार्ययोजना 5 सितम्बर, 2025 से नियमित रूप से प्रारंभ की गयी है। यह शिक्षण कार्य क्रमबद्ध रूप से 12 सप्ताह तक आयोजित किया जाना है। इस मिशन को मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान-“प्रखर राजस्थान 2.0” के नाम दिया किया गया है।
प्रारंभिक चरण में पढ़ने में वर्णमाला ज्ञान, नामों और ध्वनियों की पहचान करना (जिसमें बोली जाने वाली भाषा को पहचानने, समझने या विश्लेषण करने में सक्षम होना), लिखना, शब्दावली विकास, याद रखने और समझने के लिए बोली जाने वाली भाषा की सामग्री शामिल है। साथ ही इसमें प्रिंट जागरुकता उदाहरण के लिए बाएं से दाएं पढ़ना, ‘देखकर चित्रों / प्रतीकों से मेल या भेद करने की क्षमता शामिल है। पठन कौशल अवधारणाएं जिनमें लिखित या मुद्रित सामग्री का उपयोग पढ़ना सीखने सिखाने में उपयोग बहुत मदद कर सकता है. इसका सही और अधिकतम उपयोग पर जोर दिया गया है
उद्देश्य:
- विद्यार्थियों में पठन कौशल की प्रभावशीलता विकसित करना।
- निश्चित समयावधि में समझ के साथ पढ़ने की संस्कृति विकसित करना।
- पठन कौशल के अनुकूल वातावरण का निर्माण करना।
- पुस्तकालय की पुस्तकों के अधिकतम उपयोग हेतु अवसर प्रदान करना।
- स्थानीय परिवेश की कहानियों, कविताओं को कक्षा कक्षीय गतिविधियों में शामिल करना।
- गतिविधि आधारित अधिगम (ABL) Kit सामग्री का प्रभावी उपयोग करना।
लक्षित समूह:Prakhar Rajasthan 2.0
कक्षा 3 से 8 के विद्याथी, जिन्हें-
- वर्ग 1- विद्यार्थी जिन्हें अक्षरों, मात्राओं को पहचानने में कठिनाई आती है।
- वर्ग 2- विद्यार्थी जिन्हें शब्द पढ़ने में कठिनाई आ रही है।
- वर्ग 3- विद्यार्थी जो वाक्यों / सरल पाठों को अटक अटक कर पढ़ते है।
वर्ग 1 से 3 के विद्यार्थियों के साथ 90 दिवसीय कार्ययोजना अन्तर्गत पठन कौशलों के विकास हेतु कार्य किया जाना है।
समयावधि:Prakhar Rajasthan 2.0
5 सितम्बर से 5 दिसम्बर 2025 (90 दिवस) प्रति दिवस 2 कालांश अवधि।
सहायक सामग्री:Prakhar Rajasthan 2.0
बाल साहित्य की पुस्तकें, एबीएल किट, कार्यपुस्तिकाएं, भाषा की पुस्तकें, स्थानीय परिवेश में उपलब्ध शिक्षण अधिगम सहयोगी सामग्री एवं स्वनिर्मित सामग्री।
90 दिवसीय कार्ययोजना संचालन के मुख्य बिन्दु:Prakhar Rajasthan 2.0
- इस कार्यक्रम अन्तर्गत वे विद्यार्थी जिन्हें अक्षर / शब्द पहचानने, पढ़ने में कठिनाई महसूस होती है या अटक-अटक कर पढ़ते हैं के साथ सघन रूप से गतिविधियां कराते हुए पठन कौशलों का विकास किया जाना है।
- विद्यालय स्तर पर प्रति कार्य दिवस दो कालांश भाषा पठन की प्रवाहशीलता की समझ के लिए पृथक से विद्यालय समय सारणी में निर्धारित किए जाए। शेष 6 कालांश में कक्षा शिक्षण कराया जाए।
- पठन कौशलों के विकास हेतु साप्ताहिक शिक्षण कार्ययोजना के अनुसार गतिविधियों का नियोजन किया जाए।
- 90 दिवसीय गतिविधियों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु 12 सप्ताह का प्लान तैयार कर संलग्न है। उक्त प्लान के अनुसार गतिविधियों का संचालन कक्षा कक्ष में किया जाये।
- पठन की प्रभावशीलता के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु विषय आधारित एबीएल सामग्री का उपयोग करते हुए वीडियो निर्माण किये जा रहे है, जो समय-समय पर विभागीय सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से आपको उपलब्ध करवाए जायेंगे।
ORF आकलन के आधार पर समूह निर्माण:
AI आधार ORF के आधार पर विद्यार्थियों का पठन कौशलों के अनुसार डाटा बेस एप के माध्यम से उपलब्ध करा दिया जायेगा। जिसमें विद्यार्थियों को शैक्षिक प्रदर्शन के आधार पर 4 भागों में विभक्त किया गया है-
वर्ग 1(बीज)- विद्यार्थी जिन्हें अक्षरों, मात्राओं को पहचानने में कठिनाई आती है।
वर्ग 2(अंकुरण)- विद्यार्थी जिन्हें शब्द पढ़ने में कठिनाई आ रही है।
वर्ग 3(पुष्पन)- विद्यार्थी जो वाक्यों / सरल पाठों को अटक अटक कर पढ़ते है।
वर्ग 4(फलन)- विद्यार्थी जो सरल / पाठों कहानियों को धाराप्रवाह एवं समझ के साथ पढ़ पाते हैं। वर्ग 4 के विद्यार्थियों के साथ पुस्तकालय की पुस्तकों का उपयोग कर उच्च स्तरीय कौशलों का विकास किया जाना है।
