
मिड डे मील कार्यक्रम एक केन्द्रीय प्रवृतित योजना के रूप में 15 अगस्त, 1995 को पूरे देश में लागू की गई। इसके पश्चात सितम्बर, 2004 में कार्यक्रम में व्यापक परिवर्तन करते हुए मेन्यु आधारित पका हुआ गर्म भोजन देने की व्यवस्था प्रारम्भ की गई| वर्तमान में यह कार्यक्रम भारत सरकार के सहयोग से राज्य सरकार द्वारा राज्य के उच्च प्राथमिक स्तर तक के सभी राजकीय, अनुदानित विद्यालयों, स्थानीय निकाय विभाग द्वारा संचालित विद्यालय, शिक्षा गारंटी योजना एवं ए.आई.ई.सेंटर, नेशनल चाईल्ड लेबर प्रोजेक्ट(NCLP) के अन्तर्गत संचालित विशेष विद्यालय तथा मदरसों आदि में संचालित किया जा रहा हैं।MDM Scheme Rajasthan
उद्देश्य:-
योजना के मुख्य उद्देश्य, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर तक के छात्रों के पोषण स्तर में वृद्धि, नामांकन, उपस्थिति में वृद्धि एवं ड्रोप आउट को रोकना तथा सामाजिक समरसता को बढावा देना है।
पात्रता:-
राज्य के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के समस्त राजकीय विद्यालयों, मदरसों एवं विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों में कक्षा 1 से 8 तक के अध्ययनरत विद्यार्थी मिड डे मील योजना से लाभान्वित होते है।


भोजन व्यवस्था
योजनान्तर्गत विद्यार्थियों को निर्धारित मेन्यू अनुसार भोजन दिया जाता है। दैनिक मेन्यू निम्नानुसार है:-

- सप्ताह में किसी भी एक दिन स्थानीय मांग के अनुसार भोजन उपलब्ध कराया जा सकता है। इस भोजन में कम से कम कक्षा 1 से 5 तक के लिए 450 कैलोरी, 12 ग्राम प्रोटीन एवं कक्षा 6 से 8 तक के लिए 700 कैलोरी, 20 ग्राम प्रोटीन होना आवश्यक है।
- सप्ताह में एक दिन छात्रों को फल दिया जाना अनिवार्य होगा।
भोजन पकाने में प्रयुक्त होने वाली सामग्री की मात्रा

कुक कम हैल्पर्स:-
भारत सरकार के निर्देशानुसार मिड डे मील योजनान्तर्गत विद्यालयों में पोषाहार पकाये जाने हेतु वर्ष 2010 से कुक कम हेल्पर की सेवायें मानदेय आधार पर ली जा रही है। वर्तमान में योजनान्तर्गत लगभग 1,09,922 कुक कम हेल्पर की सेवायें पोषाहार पकाने के कार्य के लिए ली जा रही है। वर्तमान में प्रत्येक कुक कम हेल्पर को 2003/- रूपये प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है। राजकीय विद्यालयों में भोजन पकाने हेतु शाला प्रबन्धन समिति द्वारा एक निश्चित मानदेय पर स्थानीय व्यक्तियों का सहयोग लिया जाता है। इस कार्य में विशेष रूप से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछडे वर्ग की महिला, विधवा एवं परित्यक्ताओं की सेवाएं प्राथमिकता के आधार पर ली जाती हैं। योजनान्तर्गत कुक कम हैल्पर्स का विवरण निम्नानुसार है:-

निरीक्षण:-
योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए जिला कलक्टर, जिला स्तरीय अधिकारी एवं खण्ड स्तरीय अधिकारियों के लिए निरीक्षण के निर्धारित मापदण्ड तय किये गये है एवं वर्ष में दो बार सघन निरीक्षण भी करवाए जा रहे हैं जिससे पोषाहार पकाने एवं वितरण में निगरानी रखी जा सके।

मोनिटरिंग व्यवस्था:-
राज्य स्तर पर माननीय मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में योजना के क्रियान्वयन एवं मूल्यांकन की समीक्षा हेतु राज्य स्तरीय समिति का गठन किया हुआ है। जिला स्तर पर जिला कलक्टर की अध्यक्षता में योजना के क्रियान्वयन एवं मूल्यांकन की समीक्षा हेतु जिला स्तरीय समिति का गठन किया हुआ है, जिसकी बैठक प्रत्येक माह आयोजित की जाती है। ब्लॉक स्तर पर उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में ब्लॉक स्तरीय समीक्षा एवं संचालन समिति का गठन किया हुआ है, जिसकी बैठक प्रत्येक माह आयोजित करवाकर योजना के क्रियान्वयन एवं संचालन में आ रही समस्याओं का निराकरण करते हुये योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के प्रयास किये जाते है।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रत्येक छात्र को पौष्टिक एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध हो, विद्यालय प्रबन्धन समिति के सदस्यों की निगरानी में भोजन तैयार करवाया जाता है। छात्र/छात्राओं को भोजन परोसने से पूर्व विद्यालय प्रबन्धन समिति के किसी एक सदस्य द्वारा, किसी एक छात्र/छात्रा के माता-पिता द्वारा एवं विद्यालय के किसी एक अध्यापक द्वारा भोजन चखा जाता है एवं भोजन के स्वादिष्ट, गुणवत्तापूर्ण एवं पौष्टिक पाये जाने पर ही छात्र/छात्राओं को भोजन परोसा जाता है।
भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रतिदिन उपलब्ध कराये जाने वाले पोषाहार में निर्धारित पौषक तत्वों की मात्रा सुनिश्चित किये जाने के लिए पौषाहार की प्रयोगशाला जॉच भी करवाई जा रही है।
न्यूट्रीशन गार्डन (किचन गार्डन):-
मिड डे मील योजनान्तर्गत संचालित राजकीय विद्यालयों, मदरसों एवं विशेष प्रशिक्षण केन्द्र में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में पोषण स्तर को बढाने एवं ताजी एवं स्वादिष्ट सब्जियां उपलब्ध कराये जाने एवं विद्यालयों में उपलब्ध भूमि का सद्उपयोग करते हुये छात्र-छात्राओं को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए न्यूट्रीशन गार्डन (किचन गार्डन)विकसित किये जा रहे है|