राजस्थान उच्च न्यायालय (RHC Orders Boards To Control Coaching) ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (आरबीएसई) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि कक्षा नौ से 12 तक के छात्र स्कूल छोड़कर कोचिंग सेंटर न जाएँ।
न्यायमूर्ति दिनेश मेहता और न्यायमूर्ति अनूप कुमार ढांड की खंडपीठ ने दोनों बोर्डों को स्कूल समय के दौरान औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया ताकि यह पता लगाया जा सके कि छात्र स्कूलों के बजाय कोचिंग कक्षाओं में जा रहे हैं या नहीं।
न्यायालय ने कहा कि छात्रों के लिए स्कूलों में उपस्थिति अनिवार्य है और बिना किसी कारण के अनुपस्थित रहने पर छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इस आदेश में यह भी कहा गया है कि छात्रों को स्कूलों से कोचिंग सेंटरों में भेजने से उनकी पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पीठ ने कहा कि अगर छात्रों की पढ़ाई बीच सत्र में बाधित होती है, तो उन्हें बोर्ड परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। RHC Orders Boards To Control Coaching
अदालत एक ऐसे मामले की सुनवाई कर रही थी जिसमें सीबीएसई ने तीन स्कूलों में गंभीर कमियों की ओर इशारा किया था, जिसके कारण उन पर अस्थायी संबद्धता रद्द करने सहित दंड लगाया गया था। प्रभावित स्कूलों ने इस आदेश को चुनौती दी थी।
तीनों स्कूलों को कमियों को दूर करने के लिए चार सप्ताह का समय देते हुए, अदालत ने कहा कि स्कूल किसी भी प्रतिकूल निर्णय के खिलाफ कानूनी उपाय अपना सकते हैं।
पीठ ने सीबीएसई और आरबीएसई को स्कूलों और कोचिंग सेंटरों का निरीक्षण करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का भी निर्देश दिया। पीटीआई
अदालत ने कहा, “राजस्थान राज्य और सभी बोर्डों को निर्देश दिया जाता है कि वे विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करें, जो सभी स्कूलों और कोचिंग सेंटरों का अचानक और आकस्मिक निरीक्षण करें। यदि ऐसे स्कूलों में छात्र अनुपस्थित पाए जाते हैं और साथ ही स्कूल के समय में कोचिंग सेंटरों में उपस्थित पाए जाते हैं, तो स्कूलों और कोचिंग सेंटरों सहित सभी हितधारकों के खिलाफ कानून के अनुसार उचित सख्त कार्रवाई की जाए।” RHC Orders Boards To Control Coaching
आदालत के इस आदेश से जो स्कूल निर्धारित समय की अवहेलना करते है उन पर अंकुश लगेगा तथा इसी के साथ जो कोचिंग विद्यालय समय में संचालित होती है उन पर भी अंकुश लगेगा |
