
राजस्थान में कक्षा 1 से 5 तक की नवीन पाठ्य पुस्तक (RBSE New Books) का निर्माण करवाया गया है। आरएससीआईटी राजस्थान राज्य पाठ्यक्रम एवं पाठ्यक्रम के द्वारा 2025 के लिए नई किताबें प्रकाशित की गई है। नवीन पाठ्य पुस्तक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार बदलाव किए गए हैं। इसमें भारत अनुभव आधारित व गतिविधि आधारित शिक्षण को प्राथमिकता प्रदान की गई है।
नवीन पाठ्य पुस्तक में स्थानीयता राजस्थान की संस्कृति, लोककथा, परिवेश में भाषा को जगह दी गई है। ताकि बच्चे अपने परिवेश से जुड़ाव महसूस कर सके नवीन पाठ्य पुस्तकों में पुस्तकों को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए सुंदर चित्र चार्ट सुबह रंगों का उपयोग किया गया है। पाठ्य पुस्तक में सूचनाओं को रटवाने की बजाय समझने के प्रयोग करने की आदत डालने हेतु विकसित किया गया है।
नये पाठ्यक्रम की कुछ विशेषताएं:
1. आधारभूत और प्रारंभिक चरणों पर ध्यान केंद्रित
- प्रारंभिक वर्षों (कक्षा 1 और 2) में खेल-आधारित और गतिविधि-आधारित शिक्षण, धीरे-धीरे कक्षा 3 से 6 तक औपचारिक कक्षा शिक्षण में स्थानांतरित हो रहा है
- अनुभवात्मक शिक्षण पर ज़ोर, जैसे परियोजना-आधारित कार्य, पहेलियाँ, कहानी सुनाना, क्षेत्र भ्रमण और व्यावहारिक सहभागिता।
2. बाल-केंद्रित, कहानी-कथन-आधारित सामग्री
- पाठ्यपुस्तकें सरलीकृत, आयु-उपयुक्त भाषा, रंगीन चित्रों, खेलों, गीतों और स्थानीय संदर्भों के साथ तैयार की गई हैं ताकि युवा शिक्षार्थियों को आकर्षित किया जा सके। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र की नई कक्षा 1 की पुस्तकें कहानियों और व्यावहारिक गतिविधियों के माध्यम से 68 कौशलों पर केंद्रित हैं।
3. कौशल-आधारित और समग्र विकास
- पाठ्यक्रम में समस्या-समाधान, आलोचनात्मक चिंतन, संचार, सहयोग, डिजिटल जागरूकता, वित्तीय साक्षरता और पर्यावरणीय समझ जैसे जीवन कौशलों को प्राथमिकता दी जाती है।
- यह पंचकोश मॉडल (भावनात्मक, संज्ञानात्मक, शारीरिक, सामाजिक, आध्यात्मिक विकास) पर आधारित है ताकि समग्र विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
4. बहुभाषी और समावेशी शिक्षा
- 2025-26 से शुरू होने वाली “मातृभाषा प्रथम” नीति के अनुरूप, विशेष रूप से निचली कक्षाओं में, मातृभाषा या घरेलू/क्षेत्रीय भाषा को शिक्षण माध्यम के रूप में उपयोग करने के लिए ज़ोरदार प्रोत्साहन।
- पाठ्यक्रम किसी भी भाषा पर ज़ोर दिए बिना बहुभाषी संपर्क को बढ़ावा देते हैं, साथ ही विविध शैक्षिक आवश्यकताओं वाले छात्रों के लिए समावेशी शिक्षण पद्धति भी प्रदान करते हैं।
5. प्रारंभिक तकनीकी परिचय
- कक्षा 1 से ही बुनियादी डिजिटल साक्षरता की शुरुआत की जाती है, और धीरे-धीरे इसमें प्रगति होती है। कक्षा 6 से शुरू होकर, बच्चे कोडिंग, एआई जागरूकता और तकनीक के ज़िम्मेदार उपयोग के मूल सिद्धांतों को सीखते हैं।
6. मूल्यांकन सुधार
- रट कर याद करने की प्रक्रिया से सतत एवं व्यापक आकलन की ओर बदलाव, जिसमें वैयक्तिक स्पष्टता, सिद्धांत सिद्धांत, गुट, नेतृत्व और टीम वर्कशॉप पर ज़ोर दिया गया।
- आयु-उपयुक्त उत्साह आँकड़े और उच्च-दाँव वाले मूर्तियों में कमी।
7. कला, संस्कृति और स्थानीय विरासत का एकीकरण
- पाठ्यक्रम में पारंपरिक ज्ञान प्रणालियाँ, स्थानीय इतिहास, क्षेत्रीय नायकों की कहानियाँ, जीवन मूल्य और छात्रों के संदर्भों से संबंधित पर्यावरणीय विषय शामिल हैं (उदाहरण के लिए, राजस्थान में मीराबाई और महाराणा प्रताप पर अध्याय शामिल हैं)
8. शिक्षक प्रशिक्षण और अभिभावकों की भागीदारी पर ज़ोर
- शिक्षकों को शिक्षार्थी-केंद्रित पद्धतियाँ अपनाने के लिए निरंतर व्यावसायिक विकास से गुजरना पड़ता है, जिससे शैक्षिक गतिविधियों में अभिभावकों और समुदायों की भागीदारी बढ़ती है।

नये पाठ्यक्रम के अनुसार पाठ्यपुस्तक डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गये लिंक पर क्लिक करें |
Class- 1st All Books
Class- 2nd All Books
Class- 3rd All Books
Class- 4th All Books
Class- 5th All Books
Class- 6th All Books